तिलकुट की खुशबु, दही-चिवड़ा की बहार,
मुबारक हो आपको, नए साल का पहला त्यौहार
“ मकर संक्रांति की शुभकामनाएं ! ”

इस वर्ष की मकर संक्रांति, आपके लिए हो तिल लड्डू जैसी मीठी,
मिले कामयाबी पतंग जैसी ऊंची, इसी कामना के साथ,
” मकर संक्रांति की बहुत शुभकामनाएं !”

पतंगों का नशा,
मांझे की धार,
सर्दी की मार,
फिर भी दिल है बेकरार,
“ मुबारक हो आपको पतंगों का त्योहार ! ”
पल पल सुनहरे फूल खिले,
कभी ना हो कांटो का सामना,
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे,
“ संक्रांति पर हमारी यही शुभकामनाएं! ”

काट ना सके, कभी कोई पतंग आपकी,
टूटे ना कभी, डोर आपके विश्वास की,
छू लो आप जिंदगी में सारी कामयाबी,
जैसे पतंग छूती है ऊंचाइयां आसमान की
“ मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं ! ”
मीठे गुड़ में मिल गए तिल, उड़ी पतंग और खिल गए दिल,
हर पल सुख और हर दिन शांति, आप सबके लिए लाए मकर सक्रांति
“ मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं ! ”

मंदिर की घंटी, आरती की थाली,
नदी के किनारे, सूरज की लाली,
जिंदगी में आए, खुशियों की बहार,
“ मुबारक हो आपको पतंगों का त्योहार ! ”
तन में मस्ती, मन में उमंग,
देकर सबको अपनापन, गुड़ में जैसे मीठापन,
होकर साथ, हम उड़ाएं पतंग,
और भर लें आकाश में अपने रंग
“ मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं ! ”

बासमती चावल और उड़द की दाल,
घी की महकती खुशबू हो और हो आम का अचार,
दही बड़े की सुगंध के साथ हो अपनों का प्यार,
“ मुबारक हो आप सभी को खिचड़ी का यह त्यौहार ! ”

त्यौहार नहीं होता है अपना पराया,
त्यौहार वही जिसे सबने मनाया,
तो मिला के गुड़ में तिल,
पतंग संग उड़ जाने दो दिल“ आप सभी को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं ! ”